10/3/07

गम की आंधियों से

गम की आंधियों से हम गुजर जाएंगे,

सागर की लहरों में हम उतर जाएंगे,

हमें मरने के लिए जहर की जरुरत नहीं,

दिल से निकाल दों, हम यूहीं मर जाएंगे ।

खुदा से करनी

खुदा से करनी कुछ फरियाद बाकी है,
हमें उनसे करनी कुछ बात बाकी है,
मौत आएगी तो कहेंगे रुक,

मेरी जान से अभी मुलाकात बाकी है ।

लम्हे ये सुहाने

लम्हे ये सुहाने साथ हो ना हो,
कल में आज जैसी कोई बात हो ना हो,
आपका प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा,
चाहे सारी उम्र मुलाकात हो ना हो ।

उस जिंदगी से...

उस जिंदगी से कैसे सितम का गिला करें,
जिस जिंदगी ने आपसे मिलवा दिया हमें ।